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संघ का शस्त्र पूजन व पथ संचलन आयोजित

140 मंडलो व 82 बस्तियों में हुआ शस्त्र पूजन व पथ संचलन

# नगर की 30 बस्तियों सहित पाली विभाग के 140 मंडलों एवं 82 बस्तियों में शताब्दी वर्ष विजयादशमी पर शस्त्र पूजन एवं पथ संचलन कार्यक्रम संपन्न

# सामर्थ्यशाली संगठित हिंदू समाज से विश्व कल्याण, पञ्च परिवर्तन से होगा श्रेष्ठ समाज का निर्माण – संघ

पाली । संघ कार्य के 100 वर्ष पूर्ण होने पर इस वर्ष विजयादशमी से शुरू हुए शताब्दी वर्ष महोत्सव के अंतर्गत विजयदशमी उत्सव बहुत ही भव्य रूप से मनाया गया जिसमें पाली नगर की 30 बस्तियां सहित पूरे विभाग में सभी 140 मंडलों एवं सभी 82 बस्तियों में विजयादशमी उत्सव पर पथ संचलन एवं शस्त्र पूजन के कार्यक्रम संपन्न हुए।

विस्तृत जानकारी देते हुए विभाग संघचालक मा. सुरेश चंद्र माथुर ने बताया कि 1925 में विजयादशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हुई थी इस वर्ष के विजयदशमी पर संघ ने अपने सेवा कार्य के 100 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं जिससे स्वयंसेवकों एवं समाज की सज्जन शक्ति में बहुत ही उत्साह है इसी कारण से संघ शताब्दी वर्ष का महोत्सव पुरे समाज का कार्यक्रम बन गया है। शताब्दी वर्ष में विभिन्न कार्यक्रमों की योजना बनी है वर्ष के प्रारंभ में विजयादशमी उत्सव को बहुत ही भव्य रूप से मनाया गया। पाली विभाग के ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक मंडल और शहरी क्षेत्र की सभी बस्तीयों में शस्त्र पूजन के कार्यक्रम आयोजित हुए एवं पथ संचलन निकाले गये। कार्यक्रमों में स्वयंसेवकों के साथ सम्पूर्ण हिन्दू समाज बन्धुओं ने कंधे से कन्धा मिलाकर सहभागिता निभायी एवं उत्साह पूर्वक बड़ी संख्या के साथ कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति रही। संतो के सानिध्य और प्रबुधजनो की अध्यक्षता एवं उनके द्वारा शस्त्र पूजन के साथ सभी जगह कार्यक्रम संपन्न हुए। कार्यक्रम में मुख्य वक्ताओ ने कहा की श्रेष्ठ समाज का निर्माण सामर्थ्यशाली संगठित हिंदू समाज से विश्व कल्याण, पञ्च परिवर्तन से होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज 100 वर्ष पूर्ण कर चुका है, अपनी यात्रा में उसने नियमित चलने काले सेवा कार्यो के अलावा विभिन अवसरों पर देश एवं समाज हित में सेवा कार्य किये, ये संस्कार उन्हें शाखा से मिले, विद्यार्थी तथा व्यवसायी सभी प्रकार की शाखा प्रत्येक बस्ती में होनी चाहिए, जहां से वे संस्कार लेकर देश समाज का कार्य करें। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना का एकमात्र उद्देश्य – “भारत माता की जय” है , सम्पूर्ण हिंदू समाज के संगठन के द्वारा भारत माता की जय जयकार सम्पूर्ण विश्व में होनी चाहिए, यही संघ का उद्देश्य है । भारत का पुत्रवत हिंदू समाज शक्तिशाली और सामर्थयशाली था, ज्ञान, वैभव पराक्रम से संपन्न था, दुनिया को ज्ञान-विज्ञान दिया, और इसी कारण भारत माता विश्व गुरु पद परम वैभव प्राप्त थी, भारत दुनिया का सिरमौर देश था, कालांतर में इसके पुत्रवत हिंदू समाज ने अपने कर्तव्य को भुला दिया और इस कारण आक्रांता आए, बार-बार हमको प्रतंत्रता स्वीकार करनी पड़ी, इसलिए प्रत्येक गली मोहल्ले में, प्रत्येक घर में, देशभक्त राष्ट्रभक्ति, चरित्रवान नायक, स्वयंसेवक की आवश्यकता है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्य व्यक्ति निर्माण, तथा ये व्यक्ति समाज के बीच में, समाज के लिए, राष्ट्र के लिए, मातृभूमि के लिए कार्य करे, देश समाज राष्ट्र के लिए कार्य करें, और यह कार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता 100 वर्षों से निरंतर कर रहे हैं। एक उत्कृष्ट समाज के निर्माण द्वारा ही विश्व का कल्याण हो सकता है, प्राचीन काल से हिंदू समाज श्रेष्ट जीवन मूल्यों को लेकर के चलने वाला समझ रहा, जिसने दुनिया को दर्शन दिया, ज्ञान दिया विज्ञान दिया, और उसके लिए अब पुनः पंन्च परिवर्तन द्वारा जिसमें कुटुंब प्रबोधन,सामाजिक समरसता, पर्यावरण, स्वदेशी-स्व भाव का विचार, तथा नागरिक कर्तव्य द्वारा श्रेष्ठ समाज का निर्माण हो, जिससे शिक्षा लेकर संपूर्ण विश्व का कल्याण होगा, यह आज सभी स्वयंसेवक कर रहे हैं, समाज का प्रत्येक व्यक्ति इस कार्य को करें, तो निश्चित ही एक उत्कृष्ट समाज का निर्माण होगा, इसलिए संघ को केवल बाहर से देखे, नहीं संघ में आकर संघ को जानिए और संघ के सहयोगी सहभागी बनकर कार्य कीजिए।

पाली विभाग में 223 स्थानों पर पथ संचलन निकाले गये जिसमे चल तो गणवेशधारी स्वयंसेवक रहे थे लेकिन उसे देखने वाला हर शख्स स्वयं को उसका हिस्सा मान रहा था कई जगह संचलन के आगे बच्चे हाथों में भगवा ध्वज लिए स्केटिंग करते हुए चल रहे थे, कई स्थानों पर ढोल और थाली बजाकर संचलन का स्वागत किया गया, शिवाजी नगर बस्ती में जब संचलन निकाला तो युवाओं एवं बालकों में इतना जोश था कि बड़ी संख्या में गणवेशधारी स्वयंसेवकों के पीछे युवा, बालक, बालिकाएं संचलन करते हुए चल रहे थे, संचलन के मार्गो पर जगह-जगह तोरण द्वार लगाए गए एवं कारपेट बिछाए गए, संचलन जब निकले तो सभी जगह भारी पुष्प वर्षा और भारत माता की जय… वंदे मातरम… जैसे देशभक्ति के उद्घोषों से स्वागत किया गया, जैसे ही घोष की ध्वनि कानों में पड़ती संचलन को निहारने के लिए मार्ग के दोनों और स्थानीय निवासियों एवं राहगीरों की भीड़ लग जाती और उत्सुकता एवं जोश के साथ संचलन का स्वागत करते दिखे।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में समाज जन एवं नागरिक अत्यंत उत्साह के साथ सहभागी हुए कार्यक्रम स्थल पर बड़ी संख्या में मातृशक्ति एवं प्रबुधजनो की उपस्थिति रही।

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