जश्ने ईद मिलादुन्नबी हर्षोल्लास से मनाया गया निकाला जुलूस ऐ मोहम्मदी ।

मुस्लिम समाज द्वारा आज शुक्रवार को पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के अमद के समय सादिक (अल सुबह तक) से ही फजर की नमाज अदा कर इतबाद के साथ मस्जिदों में फजर की नमाज अदा कर के मोमिनों ने मोमिनों ने सलातो सलाम का नजराना पेश कर खुशियां बांकी इस्तकबाल किया।
पाली जिला मुस्लिम समाज के प्रवक्ता शकील अहमद नागोरी ने पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन (योमे पैदाइश) के दिन को मुस्लिम समाज ने बड़ी बड़ी धूमधाम से मनाया।
सुबह 8 बजे नदी मौलाना मिलाद चौक पर अंजुमन सीरतुन्नबी कमेटी के सदर हाजी मोहम्मद रफीक गोरी के नेतत्व में हजरत अल्लामा मल्लाह मुफ्ती जाकिर हुसैन साहब का शानदार तकरीर का कार्यक्रम शुरू हुआ जिसमें नईमी ने मोमिनों से काबिले महोबा करते हुए पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के जीवन पर अखलाक व कार्ति पर तकरीरी का बयान दिया कि आप पूरी दुनिया के लिए अपने अखलाक से लोगों का दिल और इमाम बन कर। नई दोस्त दी हमेशा उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
तकरीर कार्यक्रम के बाद मुस्लिम समाज के लोग दुवारा सुबह 9 से 3 बजे तक, हजरत मोहम्मद साहब के जन्म के उपलक्ष में जुलूस निकला, जो नदी के किनारे से शुरू हुआ, बादशाह का झंडा, गजानंद मार्ग, जंगी घाट, पुराना बस स्टैंड, होटल से पुराना नवलखा रोड, जाकिर हुसैन प्याऊ से प्रिय चौक, रुई कटला, सराफा बाजार, नई झापाली शहर सराफा बाजार व्यापार मंडल के प्रमुख नेता भीमराज भारती के साथ पंडित शंभूलाल शर्मा, पूर्व पिपरियात हिंगड़, कैलाश तवानी, विजयराज सोनी, हरिभाई व्यास, गोपाल भाई, सहित लोग ने पाली जिला समाज सदर मोहम्मद हकीम, अंजुमन सीरतुन्नबी समिति के सदर हाजी मोहम्मद रफीक गोरी, हाजी इब्राहिम टी, ईसाई मिस्किन, शकील अहमद नागोरी हाजी कट्टर खिलाड़ी समिति सचिव मोहम्मद सईद अख्तर, गाजियाबाद, अमीन अली, अमजद अली, रंगरेज़, फ़ैज़ बुख़ारी, इंसाफ़ ख़ालिक़
बरकत अली खत्री, सैय्यद मुख्तार अली, युसूफ मोयल का राजस्थानी परंपरा और साफा पहनावे का स्वागत कर साम्प्रदायिक स्मारक का संदेश दिया गया, जोया बाजार से बड़े बादशाह का झंडा से पुनः आरंभ नदी स्मारक पहुंच कर सम्मापन हुआ।
मार्च के दौरान मुस्लिम समाज के लोगों में मेरे नबी अस नो नहीं, सोना आया जैसे इस्लामिक बाबा नगमे दीजी पर जश्न, सरकार की अमद मरहबा की अमद मरहबा जैसे नारा लगा कर महौल को मोहम्मदी बना दिया से फिर मोहम्मद मौलाना पर लंगर मोहम्मद शीरनी तकसीम की गई।
मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा जगह-जगह शर्बत पानी के फल के मसाले शामिल हैं, जिनमें कई खान-पान के स्थान शामिल हैं, जुलूस में भाग ले रहे लोगों को शीरानी के रूप में तकसीम की तरह पेश किया गया है।
अंजुमन सीरतुन्नबी के सदस्य महबू खिवेद, मकसूद अली चूड़ीगर, रफीक अब्बासी, शौकत शाह, जाकिर गोरी, हाजी साजा छुपे, फारूक रंगिला, यूसुफ अशरफी, हसन भाटी, नजीर सिंधी, समीर गोरी, जावेद जिलानी, मुस्तफा, असगर बाई लामाद, आरिफ पिरारा, असलम सिंधी, समीर मोयल, मोहम्मद डोम, साहित्य सोसायटी मंडल ने मोनालिसा में अपना नाम दर्ज कराया। सहयोग।
मुस्लिम समाज के नागरिकों द्वारा मुस्लिम मोहल्लों में पहुंच कर एक दुसरो को गले मिल क़र पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन की मुबारकबाद दी हुजूर मोहम्मद मुस्तफा *(सल्लल्लाहु अलैह वसल्लम)के यौमे पैदाइश की मुबारकबाद दी।
व फातिहा ख्वानी कर एक दूसरे को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा खाया वबैन दी।